Yogini Ekadashi 2025 भारतीय पंचांग के अनुसार आषाढ़ महीने की कृष्ण पक्ष में आता है यह एकादशी बहुत पूर्णदायक और शुभकारी माना जाता है वेदों और पुराणों के अनुसार यहां व्रत रखने से 88000 ब्राह्मण के भोजन करने के जितना फल मिलता है यह व्रत करने से बहुत फायदे हैं हमें पूरी श्रद्धा और लगन के साथ भगवान विष्णु की पूजा और कीर्तन करना चाहिए ताकि भगवान विष्णु प्रसन्न होकर हमें योगिनी एकादशी का फल दे सके।

योगिनी एकादशी व्रत कथा
कुबेर भगवान शिव के भक्त थे वह रोज विधिपूर्वक पूजा करते थे और पूजा के लिए फूल लाने का काम है हेममालीं का था वे प्रतिदिन मानसरोवर से फूल लाता था और पूजा के लिए देता था लेकिन एक दिन वह अपनी पत्नी के साथ प्रेम में लिन हो गया और पूजा के लिए फूल लाने नहीं पहुंचा तो भगवान कुबेर क्रोधित होकर उन्हें श्राप दे दिया जिसके कारण उन्हें कुष्ठ रोग हो गया
हेममाली का शरीर पीड़ादायक हो गया और वह -वन वन भटकने लगा एक दिन ऋषि मार्कंडेय से मिला ऋषि मार्कंडेय अत्यंत ज्ञानी तपस्वी थे उन्होंने हेममाली को श्राप मुक्त होने के लिए उपाय बताया आषाढ़ महीने के कृष्ण पक्ष की योगिनी एकादशी व्रत करो हेममाली ने पूरी श्रद्धा और भक्ति से भगवान विष्णु की पूजा किया और वह श्राप मुक्त हो गया।
Yogini Ekadashi 2025 का महत्व
पापों का नाश करता है : Yogini Ekadashi 2025 व्रत रखने से हमारे पुराने जन्मो और इस जन्मों का पाप नाश हो जाता है और हमारा आत्मा को मुक्ति प्राप्त हो जाता है।
मन और शरीर शुद्ध करता है: यहां व्रत करने से मानसिक और शारीरिक लाभ भी मिलता है और कुष्ठ रोग जैसे गंभीर बीमारी भी ठीक हो जाता है।
योगिनी एकादशी व्रत विधि
सबसे पहले हमें ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए और हमें सुबह स्नान करके भगवान विष्णु का पूजा करना चाहिए और रात्रि को हमें भजन कीर्तन करना चाहिए सूर्योदय में हमें व्रत खोलना चाहिए और ब्राह्मणों को भोजन कराना चाहिए।
Yogini Ekadashi व्रत में क्या-क्या खाएं
फल सेब केला दही दूध और सेंधा नमक साबूदाना यह सब चीज खा सकते हैं।
यह चीज नहीं खाना चाहिए
हमें मांस मछली और अंडा शराब अनाज नमक प्याज लहसुन तंबाकू और अधिक नींद और क्रोध नहीं करना चाहिए।
Yogini Ekadashi Kab Hai
विवरण | तिथि एवं समय |
---|
एकादशी तिथि प्रारंभ | शनिवार, 21 जून 2025 – प्रातः 7:19 बजे |
एकादशी तिथि समाप्त | रविवार, 22 जून 2025 – प्रातः 4:28 बजे |
योगिनी एकादशी व्रत दिन | शनिवार, 21 जून 2025 |
पारण (व्रत तोड़ने का समय) | रविवार, 22 जून 2025 – प्रातः 5:30 से 8:10 बजे तक (स्थान अनुसार भिन्न हो सकता है) |
वार | शनिवार |
[…] इसे भी पढ़ें […]