Nirjala ekadashi 24 एकादशी में से एक है यहां अत्यंत पूर्णदायक है निर्जला का मतलब बिना जल के अर्थात व्रत करने वालों को पानी भी नहीं पीना है इसी एकादशी व्रत को सबसे कठिन व्रत माना जाता है भीमसेन कोई भी व्रत नहीं रख पाते थे तो उन्होंने ऋषि व्यास से कहा बिना एकादशी व्रत किए कैसे पुण्य कमा सकते हैं तो ऋषि व्यास ने कहा अगर तुम 24 एकादशी व्रत नहीं रख पाती हो तो निर्जला एकादशी व्रत करो यह सभी एकादशी व्रत का पूर्ण देगा इसी कारण लोग इसे भीम एकादशी भी कहते हैं
Nirjala ekadashi व्रत के नियम और विधि
- पूरा दिन बिना जल और अन्य की रहे
- स्नान करके पीला वस्त्र पहने और विष्णु भगवान का पाठ करें
- रात को भगवान विष्णु का भजन कीर्तन करें
- जरूरतमंदों को दान करो
Nirjala ekadashi ka दिनांक
विवरण | दिनांक | समय |
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एकादशी तिथि प्रारंभ | शुक्रवार, 6 जून 2025 | प्रातः 2:15 बजे |
एकादशी तिथि समाप्ति | शनिवार, 7 जून 2025 | प्रातः 4:47 बजे |
निर्जला एकादशी का महत्व
निर्जला एकादशी व्रत करने से पाप नष्ट हो जाता है और लोभ गुस्सा जलन आदि से मुक्ति मिल जाता है और हमारा जीवन सुखमय हो जाता है और मृतक के बाद हमें स्वर्गलोक प्राप्त होता है।
व्रत के समय यह चीज ना करें
निर्जला एकादशी व्रत करते समय हमें यह चीज नहीं करना चाहिए जैसे झूठ नहीं बोलना और लहसुन प्याज और मांस मछली अंडा से हमें दूर रहना चाहिए क्रोध विवाद और कटु शब्द से हमें बचाना चाहिए।